we are togather
Doing same work
जब बुद्धि साथ छोड़ जाए
जीवन बोझ हो जाए
क्या फ़ायदा
ऐसे जीने का |
खुद से प्रेम ना कभी किया
ना ही कुछ आनंद लिया
तब भी लालसा रही
कुछ वक्त और मिल जाए
अभी तो कई काम बाक़ी हैं |
जब तक पूर्ण न हों सभी
जीने का अरमां अभी बाक़ी है
है यही कामना मेरी
कोई अधूरा काम न छूटे|
यदि सोचा हुआ सब पूर्ण हुआ
प्रभु का सानिध्य पा
हो कर भक्ति में लीन
जीवन सफल हो जाएगा |
आशा
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Doing same work
With Devotion for nation
The nation
is our proud
We do live
here
And work
for our motherland
With full
confidence
No one can
deny that
The
feelings towards Nation
are
the God gift
these are
inspirations by heart .
ASHA
01 मई, 2019
निष्ठा
चाहत है जो कार्य लूं हाथ में
पूरी निष्ठा से पूर्ण करूँ
सारा जीवन अर्पित करूँ
देश हित के लिए|
हूँ समर्पित पूरी निष्ठा से
नहीं किसी के बहकावे में
ना ही अन्धानुकरण कर के
किया है वादा खुद से|
लगन ऐसी लगी है अब तो
जब तक कार्य पूर्ण न होगा
चैन न लूंगी तब तक|
कर्तव्य पूर्ति की लालसा
हुई जागृत जब से
अपने अधिकार भूली तब से
सारी निष्ठा की समर्पित
देश की उन्नति के लिए|
जान की भी परवाह नहीं है
जान की भी परवाह नहीं है
सफलता हाथ लगेगी जब
पूरी लगन से होगा समर्पण
अपने कार्य के लिए |
आशा
आशा
30 अप्रैल, 2019
कार्य सभी पूर्ण करने हैं
भोर होती है शाम होती है
रात यूँ ही गुजर जाती है
कुछ करो या नहीं
जिन्दगी यूँ ही तमाम होती है |
व्यर्थ है यूँ ही जीना
केवल अकारथ
जीवन का बोझ ढ़ोना |केवल अकारथ
जब बुद्धि साथ छोड़ जाए
जीवन बोझ हो जाए
क्या फ़ायदा
ऐसे जीने का |
खुद से प्रेम ना कभी किया
ना ही कुछ आनंद लिया
तब भी लालसा रही
कुछ वक्त और मिल जाए
अभी तो कई काम बाक़ी हैं |
जब तक पूर्ण न हों सभी
जीने का अरमां अभी बाक़ी है
है यही कामना मेरी
कोई अधूरा काम न छूटे|
यदि सोचा हुआ सब पूर्ण हुआ
प्रभु का सानिध्य पा
हो कर भक्ति में लीन
जीवन सफल हो जाएगा |
आशा
28 अप्रैल, 2019
हजारों यूँ ही मर जाते हैं
रूप तुम्हारा महका महका
जिस्म बना संदल सा
क्या समा बंधता है
जब तुम गुजरती हो उधर से |
जिस्म बना संदल सा
क्या समा बंधता है
जब तुम गुजरती हो उधर से |
हजारों यूँ ही मर जाते हैं
तुम्हारे मुस्कुराने से
जब भी निगाहों के वार चलाती हो
परदे की ओट से|
देती हो जुम्बिश हलकी सी जब
देती हो जुम्बिश हलकी सी जब
अपनी काकुल को
उसका कम्पन और
लव पर आती सहज मुस्कान
निगाहों के वार देने लगते
सन्देश जो रहा अनकहा|
कहने की शक्ति मन में छिपे
शब्दों की हुई खोखली
फिर भी हजारों मर जाते हैं
तुम्हारे मुस्कुराने से |
इन अदाओं पर
लाख पहरा लगा हो
लाख पहरा लगा हो
कठिन परिक्षा से गुजर जाते हैं
बहुत सरलता से |
आशा
25 अप्रैल, 2019
17 अप्रैल, 2019
क्या अच्छा क्या नहीं ?
-
यदि हर सपना अच्छा होता तब
सभी देखना पसंद करते
पर भयावह स्वप्न बड़े
कष्टकर लगते |
हर बात पर वाहवाही मिले
आवश्यक नहीं
पर सही बात पर प्रशस्ति
है परमावश्यक |
मन की मन से बात
हुई अच्छा लगा
गिले शिकवे दूर हुए
मिलने की इच्छा पूर्ण हुई
यत्न हुए सफल अच्छा लगा |
प्यार के बदले में
कुछ ना चाहिए
अनायास यदि मिल जाए
मनभावन सपना लगा |
आशा
क्या होना चाहिए क्या नहीं ?
हर बात का बतंगड़ बनाना
तूल देना ना चाहिए
तूल देना ना चाहिए
मन में हो श्रद्धा यदि
जग जाहिर होना चाहिए
दिखावे से क्या लाभ
ऊपर वाला सब देख रहा है
कपट मन का
उजागर होना चाहिए
सत्य किसी से छिपता नहीं
स्पष्ट चहरे पर दिखाई देता
आइना नैनों का
सारी पोल खोल देता
चालबाजी से क्या लाभ
कभी तो सामने आएगी
तब कोई भी हल
न मिल पाएगा
पहले से सतर्क रहना चाहिए
अपशब्दों से क्या लाभ
मन में संतुलन होना चाहिए
प्यार से प्यार मिलता
कटुता नहीं फैलती
सुसंस्कृत भाषा का प्रयोग
उपयोग में होना चाहिए
किसी को ताना देना
प्रत्यारोप सहन करने का
अवसर मिलना ना चाहिए |
आशा
किसी को ताना देना
प्रत्यारोप सहन करने का
अवसर मिलना ना चाहिए |
आशा
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